इंदु लग्न या धन लग्न क्या होता है, इसे कुंडली में कैसे देखा जाता है? दोस्तो भारतीय ज्योतिष एक विशाल क्षेत्र है, जिसमे असीम सम्भावनाये जुडी हुई है। इसमे मनुष्य के जीवन से सम्बंधित ऐसी समस्याओ का वर्णन जो किसी ना किसी रूप में सबको प्रभावित करती है। वस्तुतः प्रत्येक व्यक्ति को अपने भविष्य को जानने की इच्छा होती है और उसमे भी विशेषतः उसके जीवन में कितनी धन सम्पति होगी इसे जानने के लिये अधिक उत्सुकता होती है।
इंदु लगन या धन लग्न विशेष एक ऐसा योग है, जो किसी वयक्ति की कुंडली में उसके धन और समृद्धि के आकलन के रूप में जाना जाता है। बृहत् पाराशर होरा शशत्र में इसे मुख्यत चंद्र योग के रूप में वर्णित किया गया है। अष्टकवर्ग में इसका विशेष महत्व बताया गया है। इसका उपयोग ज्योतिष में किसी वयक्ति की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है।
इंदु लग्न या धन लग्न क्या होता है? What is Indu Lagna or Dhan Lagna?
इंदु लगन ’हमारे प्राचीन ऋषियों और विद्वानों द्वारा जीवन की विशिष्ट अवधि का पता लगाने के लिए तैयार की गई एक स्वतंत्र और पूर्ण विधि है जो कुंडली में मौजूद अन्य धन योगों की अपेक्षा किसी व्यक्ति के जीवन में उसकी धन और समृद्धि का विश्लेषण प्रदान करेगी। शास्त्रों के अनुसार इंदु का अर्थ चंद्रमा है, परन्तु इंदु लगन को चंद्र लग्न (राशी) के साथ मिलान नहीं करना चाहिए क्योकि ये दोनों अलग अलग होते है।
चंद्रमा न केवल धन का प्रमुख कारक और नियंत्रक गृह है, बल्कि चंद्रमा की मदद के बिना इसका कोई भी वयक्ति जीवन निर्वाह को सुगम नहीं बनाए रख सकता है तो अन्य चीजों को तो छोड़ ही देंना चाहिये। इसलिये इंदु लगन जीवन में शक्ति, धन, संभावना, जीविका तथा कुछ नया बनाने का चित्रण प्रस्तुत करता है। यह मूल वयक्ति के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का निर्धारित भी करता है। उत्तरा कलामृत में इंदु लगन को 'स्वयं के धन' के अंतर्गत 'आदि योग' के बाद सूचीबद्ध किया गया है। इसके बाद 'धन योग' और 'विशेष धन योग' को सूचीबद्ध किया गया है। जो यह इंगित करता है कि इंदु लगन का परिणाम कुंडली में मौजूद अन्य धन योगों से बिलकुल स्वतंत्र है।
इंदु लग्न या धन लग्न की गणना का नियम क्या है? What is the rule for calculating Indu Lagna or Dhan Lagna?
ग्रह | कलाओं की संख्या |
सूर्य | 30 |
चंद्रमा | 16 |
मंगल | 6 |
बुध | 8 |
बृहस्पति | 10 |
शुक्र | 12 |
शनि | 1 |
इन्दु लग्न से धन की स्थिति का आकलन करने के लिए कुछ विचारनीय पहलु:-
- इन्दु लग्न में यदि एक शुभ ग्रह हो और वह पाप प्रभाव से मुक्त हो तो व्यक्ति जीवन में काफी धन कमाता है।
- इंदु लग्न में यदि उच्च का पाप ग्रह बैठा हो तो व्यक्ति धनवान व नीच का पाप ग्रह हो तो दरिद्र होता है।
- इन्दु लग्न का स्वामी यदि इंदु लग्न को देख रहा हो तो व्यक्ति धनवान होता है।
- इंदु लग्न का कुंडली के धनेश और लाभेश से किसी भी प्रकार का संबंध बने तो व्यक्ति को धनवान बनाता है।
- जब कई ग्रह एक साथ इन्दु लग्न पर अपना प्रभाव डाल रहे हो या इन्दु लग्न से दूसरे और ग्यारहवें भाव में स्थित हो तो व्यक्ति विशेष रूप से निश्चित ही धनवान बनता है।
- यदि धन लग्न में कई नैसर्गिक शुभ ग्रह स्थित हो तो वह व्यक्ति बहुत धनी होगा।
- यदि इंदु लगन में केवल एक ही शुभ ग्रह स्थित हो परंतु वह किसी शुभ अथवा अशुभ ग्रह से भी दृष्ट हो तो वह व्यक्ति धनवान तो होगा परंतु पहले की स्थिति की तुलना में कम होगा।
- यदि इंदु लगन या धन लग्न में सिर्फ पाप ग्रह जैसे सूर्य शनि या मंगल स्थित हो तो व्यक्ति के पर्याप्त रूप से धनी होता है।
- यदि इंदु लगन या धन लग्न में कोई अशुभ ग्रह अपनी उच्च राशि में स्थित हो तो वह वयक्ति जीवन के प्रथम भाग में सामान्य रूप से धनी होगा परंतु जीवन के दूसरे भाग में उसका धन बढ़ेगा।
- धन लग्न से केंद्र त्रिकोण में स्थित शुभ ग्रह की दशा में व्यक्ति धन कमाएगा परन्तु इसके विपरीत लग्न से 3,6,8,12 भाव की स्थिति ग्रह राशि स्वामी की दशा में धन का नाश होता है।
इंदु लगन के लिए ध्यान देने योग्य बात
यदि इंदु लगन कुंडली के तीसरे, छठे, आठवे, और बाहरवें भाव में आता है तो ये भाव इंदु लगन के लिये ख़राब माने जाते है। तीसरे भाव के इंदु लगन वाले को धन पाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है, छठवें भाव के साथ यह दुश्मनी का व्यव्हार दिखाएगा, आठवें भाव का इंदु लगन धन की सम्भावनाओ को मार देता है, और बाहरवें भाव का इंदु लगन धन की संभावनाओं को नज़रअंदाज़ करेगा।
आपको इंदु लग्न की विस्तृत जानकारी देने का धन्यवाद।
ReplyDeleteदिये ग्रे उदाहरणों से शुक्र, गुरु, शनि और मंगल की कलाओं की जानकारी दी है। अन्य ग्रहों - सूर्य
चन्द्र, बुध की कलाओं को भी बताने की कृपा करें।
श्रीमान धन्यवाद!
Deleteहमने इस आर्टिकल में सभी ग्रहो की कलाओ का वर्णन किया गया है आप दिये गये उदाहरण को समझ कर किसी भी कुंडली में इंदु लग्न को निकाल सकते है।
इंदु लग्न अगर आठवें भाव में पड़ रहा है तो इसका उपाय भी बताएं
ReplyDeleteश्रीमान धन्यवाद!
Deleteयदि इंदु लगन आठवें भाव में पड़ रहा है तो उसके लिए सर्वप्रथम हम यह देखेंगे की आठवे भाव में कौन सी राशि है और उसके स्वामी की कुंडली में क्या स्थिति है क्या आठवां भाव किसी पाप या शुभ गृह से सम्बंधित है या नहीं पहले हमे इन बातो को देखना होगा तभी उसका उपाय बताया जा सकता है। वैसे आठवे भाव का कारक स्वामी शनि होता है इसलिए शनि का उपाय तो अवश्य ही करना होगा इसके लिए शिव या हनुमान जी की पूजा करें तो निश्चित ही लाभ होगा। जय श्री राम