सूर्य इतना गर्म क्यों है? Why is the Sun so hot?

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सूर्य इतना गर्म क्यों है

सूर्य इतना गर्म क्यों है? जब आप गर्मी के मौसम में समुद्र तट या किसी नदी के किनारे पर घूमते हैं, तो उस वक्त आप यह सोचते होंगे कि आज सूर्य सामान्य से अधिक गर्म लग रहा है। लेकिन यकीन मानिये सूर्य सर्दियों में भी उतना ही गर्म होता है जितना की वह सर्दियों में होता है; उसकी गर्मी में कोई बदलाव नहीं आता है। 

सूर्य की गर्मी हम पर कितना प्रभाव डालती है यह सब बादलों पर निर्भर करता है और आकाश में सूर्य कितना ऊँचा है, यह निर्भर करता है आपके अक्षांश, मौसम और दिन के समय पर। अक्सर गर्मियों के दिनों में दोपहर के समय सूर्य अधिक गर्म होता है, जिससे जमीन गर्म हो जाती है, और जमींन के संपर्क में आने से हवा गर्म हो जाती है, और आप झुलसने लगते हैं। 

क्योकि गर्म जमीन गर्मी को विकीर्ण करती है, अगर हमारे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड और जल वाष्प इसमें से कुछ गर्मी को अवशोषित नहीं करते हैं तो यह गर्मी वापस अंतरिक्ष में चली जाती है। उस स्थिति में महासागर थोड़ा गर्म हो जाते हैं, जिससे अधिक जल वाष्प बन जाता है।

यह एक जटिल प्रक्रिया है, लेकिन हमारी पृथ्वी में आपके वातानुकूलित कमरे की तरह थर्मोस्टैट नहीं होता है, और जब यह गर्म होने लगता है, तो यकींन मानिये इसकी गर्मी बढ़ती रहती है।

सूर्य इतना गर्म क्यों है? Why is the Sun so hot?

चलिए अपने मुलभुत प्रश्न पर आते है: सूर्य इतना गर्म क्यों है? 19वीं सदी तक यह सब वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली था। क्योकि भूवैज्ञानिक और जीवाश्म साक्ष्य ने यह सिद्ध कर दिया था कि हमारी पृथ्वी कई करोड़ों वर्ष पुरानी है।

अगर सूरज की गर्मी किसी जलते हुऐ कोयले, गैसोलीन या किसी ज्ञात चीज से आ रही होती, तो वह बहुत पहले ही जल कर समाप्त हो जाती। लेकिन यह कुछ और अधिक शक्तिशाली ईंधन है जो अभी तक जल रहा है।

सूर्य इतना गर्म क्यों है

इसका पहला सुराग तब आया जब मैरी क्यूरी ने रेडियम तत्व की खोज की। क्योकि रेडयोधर्मी काफी गर्म महसूस होता है, जब कोई भारी तत्व टुकड़ों में टूट जाता है तो उससे परमाणु ऊर्जा निकलती है। यही परमाणु विखंडन है, जिसके कारण परमाणु बम और परमाणु रिएक्टर बनते है।

मैरी क्यूरी की खोज के कुछ समय बाद, अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता का सिद्धांत दिया जिसमे उन्होंने कहा कि द्रव्यमान केंद्रित ऊर्जा का ही एक रूप है। क्योकि ड्यूटेरियम के दो परमाणु, या भारी हाइड्रोजन, जब एक साथ फ्यूज होते हैं तो उनसे हीलियम का एक परमाणु बनता हैं। इस प्रक्रिया से बहुत थोड़ा सा द्रव्यमान बहुत सारी ऊर्जा में बदल जाता है। 

यहाँ यह याद रखना है की E = mc2, जहाँ c2 बहुत बड़ी ऊर्जा है।

इसने ही हमे यह समझाया कि सूर्य इतना गर्म क्यों है और कैसे सूर्य आने वाले अरबों वर्षों तक चमकता रह सकता है, और पृथ्वी कितनी ही पुरानी क्यों न हो जाये उसे सूरज की गर्मी मिलती रहेंगी। यह सब एक दम सही कैलकुलेशन के साथ फिट बैठता है।

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लेकिन दुर्भाग्य से हम फ्यूज़न ऊर्जा को उत्पन्न करने वाला हाइड्रोजन बम बनाकर एक नियंत्रित फ्यूज़न रिएक्टर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह काम बहुत मुश्किल है और हमारी प्रकृति के लिए घातक भी है। लेकिन हमे सूरज पर हो रही इस क्रिया से परेशान होने की आवश्यकता नहीं है? क्योकि हम पहले से ही एक, स्थिर, मुक्त और लगभग 93 मिलियन मील की दुरी पर एकदम सुरक्षित है।

सूर्य किस चीज का बना हुआ है? What is the Sun made of?

सूर्य इतना गर्म क्यों है जो हमारे ग्रह को गर्म करता है और पृथ्वी पर हर चीज में जीवन लाता है, वह गैस का एक बड़ा गोला है। वे गैसें ज्यादातर हाइड्रोजन और हीलियम हैं, लेकिन इसके साथ ही सूर्य में ऑक्सीजन, कार्बन, नाइट्रोजन, मैग्नीशियम और आयरन सहित कई अन्य तत्व भी कम मात्रा में होते हैं।

सूर्य के केंद्र में “नुक्लिएर फ्यूज़न” प्रक्रिया में प्रति सेकंड लाखों टन हाइड्रोजन जलाता है। यह फ्यूजन हाइड्रोजन को हीलियम में बदल देता है जिससे बहुत बड़ी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। इसी प्रक्रिया से गर्मी और प्रकाश की किरणें बनाती है जो अंततः पृथ्वी तक पहुंचती हैं।

गर्मी के दिनों में आप जहां रहते हैं वहां कितनी गर्मी पड़ती है, यह सब आपकी भूगोलीय स्थिति पर निर्भर करता है। गर्मियों के दौरान हमारी पृथिवी पर ऐसे कई स्थान है जहाँ तापमान 100 डिग्री फ़ारेनहाइट से अधिक होता है। इसलिए सोचिए कि सूर्य इतना गर्म क्यों है अगर हमारी पृथ्वी सूरज के करीब होती तो यहाँ कितनी गर्मी होती। लेकिन 93 मिलियन मील दूरी पर स्थित हमारी पृथ्वी सूर्य से इतनी दूर है कि हम पूरे वर्ष आराम से रह सकें।

सूर्य कितना गर्म है? How hot is the Sun?

सूर्य इतना गर्म क्यों है क्या आप जानते है की पृथ्वी पर सबसे गर्म चीज क्या है? सभी लोगों का जवाब लावा होगा। लावा वास्तव में बहुत गर्म है, जो 2,200 डिग्री फ़ारेनहाइट या उससे अधिक के तापमान तक पहुंच जाता है। लेकिन आप जानते की लावा भी सूरज की गर्मी के सामने कुछ भी नहीं है।

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सूर्य की सतह जिसे “फोटोस्फीयर” कहा जाता है, उसका तापमान 10,000 डिग्री फ़ारेनहाइट है। यह धरती पर मौजूद सबसे गर्म लावा से करीब पांच गुना ज्यादा गर्म है। लेकिन यह भी सूर्य का सबसे गर्म भाग भी नहीं है। जब आप सूर्य सतह फोटोस्फीयर से दूर जाते हैं तो सूर्य का तापमान और भी गर्म हो जाता है।

सूर्य इतना गर्म क्यों है?
 

सूर्य की सबसे बाहरी वायुमंडलीय परत को “कोरोना” कहा जाता है। कोरोना प्रकाश का वह चमकीला प्रभामंडल है जिसे आप पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान ही देख सकते हैं। सूर्य के कोरोना का सबसे दूर बिंदु 3,600,000° F जितना गर्म हो सकता है। लेकिन यह भी सूर्य का सबसे गर्म हिस्सा नहीं है।

सूर्य के सबसे गर्म भाग तक पहुँचने के लिए, आपको इसके मूल भाग तक यात्रा करनी होगी। क्योकि सूर्य की कोर में, नुक्लिएर फ्यूज़न की प्रक्रिया लगभग 27,000,000 ° F का तापमान बनाती है। जो पृथ्वी पर मौजूद सबसे गर्म लावा से 12,000 गुना अधिक गर्म है। इससे अंदाजा लगता है की सूर्य इतना गर्म क्यों है?

सनस्पॉट क्या है? What is Sunspot?

यदि हम कहें की “कोर” सूर्य का सबसे गर्म भाग है, तो सूर्य का सबसे ठंडा भाग कौन सा होगा? कभी-कभी, सूर्य के प्रकाशमंडल पर चुंबकीय विक्षोभ के कारण ठंडे और अंधेरे क्षेत्र उभर आते हैं।

वैज्ञानिक इन क्षेत्रों को “सनस्पॉट” कहते हैं। सनस्पॉट अपने आसपास के क्षेत्रों की तुलना में थोड़ा ठंडे होते हैं और आमतौर पर केवल इनका तापमान लगभग 6,700 ° F तक होता हैं।

सूर्य का जन्म कैसे हुआ? How was the Sun born?

सूर्य इतना गर्म क्यों है, सूर्य का निर्माण 4.5 अरब साल पहले हुआ था, जब धूल और गैस का एक बादल जिसे नेबुला कहा जाता है, अपने ही गुरुत्वाकर्षण के तहत ढह गया। जिसके बाद वह बादल घूमने लगा और फिर एक डिस्क के रूप में चपटा हो गया, उसी के केंद्र में हमारे सूर्य का जन्म हुआ। उस घूमती हुई डिस्क के बाहरी इलाके में बाद में पृथ्वी और अन्य ग्रहों सहित हमारे सौर मंडल का निर्माण हुआ।

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सूर्य की संरचना का निर्धारण स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक से किया जाता हैं। पृथ्वी के विपरीत, सूर्य मुख्य रूप से प्रकाश तत्वों से बना हुआ है। स्पेक्ट्रोस्कोपी नामक तकनीक से वैज्ञानिक सूर्य की रासायनिक संरचना को निर्धारित करने के लिए उसके अवशोषण स्पेक्ट्रम का विश्लेषण करते हैं।

सूर्य का जीवनकाल कब तक रहेगा? How long will the life of the Sun be?

खगोलविदों का अनुमान है कि सूर्य के निकलने वाली गर्मी के लिए ईंधन लगभग अगले 7 बिलियन से लेकर 8 बिलियन वर्षों तक के लिए अभी शेष हैं। तब तक हमारी मानव सभ्यता बहुत दूर जा चुकी होगी या फिर शायद हम किसी अन्य ग्रह का बस चुके होंगे। 

सूर्य कितना बड़ा है? How big is the Sun?

सूर्य लगभग पूर्ण रूप से गोल है। इसकी भूमध्यरेखीय और ध्रुवीय व्यास में केवल 6.2 मील (10 किमी) का ही अंतर है। सूर्य की औसत रेडियस 432,450 मील (696,000 किलोमीटर) है, जिससे इसका व्यास (Diameter) लगभग 864,938 मील (1.392 मिलियन किमी) का हो जाता है। नासा के अनुसार, आप सूर्य के सामने 109 पृथ्वी को पंक्तिबद्ध कर सकते हैं। सूर्य की परिधि (Circumference) लगभग 2,715,396 मील (4,370,006 किमी) है।

सूर्य नारंगी क्यों दिखता है? Why does the Sun look orange?

सूर्य हमे इतना नारंगी क्यों दिखाई देता है? सूर्य हमारे वातावरण में प्रकाश को बिखेरता है – विशेष रूप से छोटी तरंग दैर्ध्य (Wavelengths) का प्रकाश, अर्थात् नीला प्रकाश – जिससे सूर्य हमे थोड़ा नारंगी रंग दिखाई देता है। दिन के दौरान आप आसमान से जो भी नीली रोशनी देखते हैं, वह सिर्फ डिफ्यूज सनलाइट है।

सूर्य पृथ्वी से कितना दूर है? How far is the Sun from Earth?

परिहेलिओन (Perihelion) या कहे जब सूर्य अपनी नीचे की अवस्था में होता है उस समय पृथ्वी और सूर्य की दूरी लगभग 146 मिलियन किलोमीटर होती है। लेकिन जब वह एफेलिओन (Aphelion) या कहे सूर्य की उच्च अवस्था में पृथ्वी और सूर्य के बिच की दूरी लगभग 94.5 मिलियन मील (152 मिलियन किलोमीटर) होती है। लेकिन वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्वी और सूर्य के बिच की औसत दूरी 14,94,07,000/14,96,00,000 किलोमीटर या 9,29,60,000 मील है।

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